भाकृअनुप – राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध संकाय (NAARM), हैदराबाद द्वारा दिनांक 3-4 जून, 2015 को आनुवंशिकीय विकसित पौधों के नियंत्रण हेतु सीमित खेत परीक्षणों की निगरानी पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का आयोजन भाकृअनुप – राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध संकाय (NAARM), हैदराबाद तथा बायोटेक कंसोर्शियम इंडिया लि. (BCIL) के सहयोग से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC), भारत सरकार द्वारा किया गया। यह संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) -GEF के तहत जैवसुरक्षा पर चरण-2 की क्षमता विकास परियोजना को सहयोग देने के अंतर्गत की गई एक पहल थी।
डॉ. डी. रामा राव, निदेशक, भाकृअनुप – राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध संकाय (NAARM), हैदराबाद ने अपने प्रारंभिक संबोधन में उचित खेत निगरानी परीक्षणों तथा साथ ही प्रौद्योगिकी प्रबंधन के अन्य पहलुओं पर बल दिया। डॉ. रंजिनी वैरियर, निदेशक, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने नियम 1989 के तहत आनुवंशिकीय विकसित फसलों के नियमन के बारे में विस्तार से बताया।
भाकृअनुप संस्थानों तथा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के लगभग पैंतीस वैज्ञानिकों, तथा राज्य सरकार के अधिकारियों को फसल बढ़वार अवस्था, कटाई उपरांत, पैकेजिंग और परिवहन के दौरान निगरानी करने के लिए खेत परीक्षणों व प्रक्रियाओं को आयोजित करने की विभिन्न विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
डॉ. एन. सरला; डॉ. सुधाकर बाबू, आरसीजीएम के सदस्य; डॉ. ओ.पी. गोविला, सदस्य, जीईएसी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार तथा डॉ. विभा आहूजा, मुख्य महाप्रबंधक, बीसीआईएल ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप – राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध संकाय (NAARM), हैदराबाद)
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