भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (CITH), श्रीनगर द्वारा दिनांक 20 जून, 2015 को अपने संस्थान में शीतोष्ण फलों व गिरी वाले फलों पर हितधारकों की एक बैठक आयोजित की गई।
डॉ. एन.के. कृष्ण कुमार, उपमहानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए शीतोष्ण बागवानी की महत्ता बताई और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (CITH), श्रीनगर द्वारा विकसित नवीनतम प्रौद्योगिकियों और किस्मों को अपनाने हेतु प्रतिभागियों को प्रेरित किया। डॉ. कुमार ने इस बात पर बल दिया कि विशेषकर जम्मू व कश्मीर के किसानों की आजीविका और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में शीतोष्ण बागवानी में अपार संभावनाएं निहित हैं।
पारस्परिक बैठक के बाद खेत दौरे का आयोजन किया गया।
प्रो. नजीर अहमद, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर ने राज्य में शीतोष्ण फलों व गिरीदार फलों की पैदावार में प्रमुख अन्तराल तथा मुद्दों पर प्रतिभागियों को संक्षिप्त जानकारी दी और उनसे उत्पादन में आने वाली बाधाओं, उच्च सघनता रोपण, कटाई उपरांत तथा बाजार संबंधी समस्याओं, रोपण सामग्री की जरूरत आदि पर प्रतिक्रिया प्राप्त की।
आपसी विचार-विमर्श के दौरान हितधारकों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर चर्चा की गई और शीतोष्ण बागवानी उद्योग को कहीं अधिक जीवंत बनाने के लिए सुझाव दिए गए।
उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शीतोष्ण फलों में विभिन्न प्रौद्योगिकियों और नई प्रगति के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी देने के लिए एक खेत दौरा आयोजित किया गया।
डॉ. ए.ए. सोफी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर; डॉ. एफ.ए. जाकी, डीन बागवानी, एसकेयूएएसटी (कश्मीर); डॉ. एफ.ए. बैन्दे, संभागाध्यक्ष, फल विज्ञान, एसकेयूएएसटी (कश्मीर); राज्य बागवानी विभागों के अधिकारियों; अनुसंधान वैज्ञानिकों, फल उत्पादकों, नर्सरी उत्पादकों; फल उत्पादक, पैकेजिंग, सीड भंडारण, प्रसंस्करण इकाइयों की एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप – केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (CITH), श्रीनगर)
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