21 सितम्बर, 2015, हैदराबाद
भाकृअनुप – केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान (CRIDA), हैदराबाद द्वारा दिनांक 1 – 21 सितम्बर, 2015 के दौरान ‘प्रतिकूल घटनाओं के जोखिम आकलन एवं प्रबंधन हेतु कृषि मौसमविज्ञान तकनीकें’ विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (SERB), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. बी.वी. रमन्ना राव ने उपयुक्त अनुकूलन रणनीतियों को विकसित करने में प्रतिकूल घटनाओं के प्रति प्रणालीबद्ध अनुसंधान दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर बल दिया।
डॉ. चौ. श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने आशा जताई कि इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ज्ञान हस्तांतरण और प्रबंधन करने में एक मंच तैयार होगा और इससे अनुसंधान संगठनों के बीच दीर्घावधि सहयोग बनाने में मदद मिलेगी।
पाठ्यक्रम में शामिल विषय थे : प्रतिकूल प्राकृतिक घटनाएं और उनका प्रभाव; जलवायु मॉडलों का उपयोग करके प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों का पूर्वानुमान; मौसम, जलवायु तथा फसल योजना की मूलभूत अवधारणाएं; विभिन्न फसलों में अगेती चेतावनी प्रणालियों तथा प्रबंधन सहित भारतीय कृषि पर सूखे का प्रभाव। इसके साथ ही प्रतिकूल मौसम जोखिम प्रबंधन; संवेदनशीलता आकलन; मौसम जोखिम प्रबंधन में कृषि मौसमविज्ञान साधन; कृषि मौसम संबंधी परामर्श सेवाएं; नाशीजीवों और रोग का पूर्वानुमान तथा जलवायु जोखिम प्रबंधन के लिए नीतियां आदि विषयों को भी शामिल किया गया।
DSSAT, Weather Cock, PET Calculator तथा AQUACROP जैसे विभिन्न सॉफ्टवेयर पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों में 10 विषयों के 16 राज्यों से वैज्ञानिक/अनुसंधानकर्मी शामिल थे।
(स्रोत : भाकृअनुप – केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान (CRIDA), हैदराबाद)
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