सुन्दरबन अपनी जलवायु प्रतिकूलताओं और कृषि में कम उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को टिकाऊ बनाने हेतु पशुधन पालन एक प्रमुख भूमिका अदा कर सकता है लेकिन वह भी अनेक कारकों पर निर्भर करता है जिसमें हरी घास, समुचित आहार की आपूर्ति, और अच्छी गुणवत्ता वाले आनुवंशिक इनपुट प्रमुख कारक हैं। इसके अलावा, बाढ़ के प्रति संवदेनशील क्षेत्र होने के कारण यह क्षेत्र रोगों के प्रति पशुओं को संवेदनशील भी बनाता है। वहीं दूसरी ओर पोल्ट्री पालन का सीधा संबंध बाजार में मूल्यों के उतार-चढ़ाव और इनपुट आपूर्ति के साथ है। अत: इस विशिष्ट उद्यम को हतोत्साहित करने के कारण अक्सर पशुपालन से आर्थिक नुकसान होने की संभावना भी बनी रहती है। भूमिहीन किसानों के पास अपनी वैकल्पिक आजीविका का कोई अन्य साधन नहीं रहता और इसीलिए वे शहरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर होते हैं । विशेषकर महिलाएं तटवर्ती क्षेत्रों से झींगा बीज (मीन) को पकड़ने में शामिल होती हैं अथवा घरेलू नौकरानी के रूप में कार्य करने को बाध्य होती हैं।
भौगोलिक परिस्थिति और साथ ही गैर दोहन किए गए मानव संसाधनों पर विचार करते हुए, रामकृष्ण आश्रम कृषि विज्ञान केन्द्र, निम्पिथ, दक्षिण 24 परगना द्वारा विशेषकर सुन्दरबन में और सामान्यत: पूरे जिले में तटवर्ती ब्लॉक पर सजावटी पक्षी पालन को बढ़ावा देने वाले एक नए उद्यम में प्रवेश किया गया। नए उद्यम द्वारा फसल खराब होने से होने वाले नुकसान कवरेज के साथ ग्रामीण परिवार के लिए एक स्थायी आय हासिल करके कहीं अधिक लचीली और विविध ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान करने की क्षमता प्रदान की जाती है। रामकृष्ण आश्रम कृषि विज्ञान केन्द्र, निम्पिथ, दक्षिण 24 परगना द्वारा सजावटी पक्षियों की एक इकाई विकसित की गई है जिसमें पिंजरे तथा घरेलू प्रणाली दोनों में बडगेरीगर, कॉकाटील्स, लव बर्डस, फिन्ज को शामिल किया गया है । यहां सुदूर सुन्दरबन क्षेत्रों की ग्रामीण महिलाओं के लिए अनुभवजन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। एक वर्ष की छोटी सी अवधि के भीतर, रामकृष्ण आश्रम कृषि विज्ञान केन्द्र, निम्पिथ, दक्षिण 24 परगना द्वारा सुन्दरबन क्षेत्र की कुल 105 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया और इनमें से 84 महिलाओं द्वारा अपने फार्म शुरू किए गए जिनमें उन्हें रूपये 1900/- की औसत मासिक आय मिलती है। इसके अलावा, एनएआईपी कार्यक्रम के माध्यम से रामकृष्ण आश्रम कृषि विज्ञान केन्द्र, निम्पिथ, दक्षिण 24 परगना द्वारा गांव दमकल को सजावटी पक्षी गांव (चित्र सी) के रूप में विकसित किया गया है जहां 50 से भी अधिक परिवार आय को उत्पन्न करने वाले इस उद्यम में संलग्न हैं और छ: ने पहले से स्वयं को उद्यमी के रूप में स्थापित कर लिया है। इस गांव में, महिलाएं प्रारंभिक 10 जोड़ी पक्षी संख्या के साथ छठे महीने से प्रति माह रूपये 1800 – 2650/- की कमाई कर रही हैं। रामकृष्ण आश्रम कृषि विज्ञान केन्द्र, निम्पिथ, दक्षिण 24 परगना द्वारा अवांछित बिचौलियों से किसानों के शोषण को रोकने के लिए लगातार निगरानी के साथ पक्षियों को बेचने के लिए घर – घर पहुंच वाला मार्केटिंग चैनल भी विकसित किया गया है (चित्र डी)।
(स्रोत : भाकृअनुप - जोनल परियोजना निदेशक, जोन – 2, कोलकाता से मिले इनपुट के आधार पर मास मीडिया मोबिलाइजेशन, डीकेएमए पर एनएआईपी मास मीडिया उप-परियोजना)
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