06 दिसम्बर 2012, नई दिल्ली
डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और डॉ. एस.बी. डांडीन, कुलपति, बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय, बागलकोट, कर्नाटक ने कोलार जिले के पौधा राष्ट्रीय आनुवांशिक संसाधन के ब्यूरो (एनबीपीजीआर) में 631वें कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

डॉ. के.डी. कोकाटे, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) ने बताया कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना अवधि का पहला केवीके, कोलार के अर्ध-शुष्क क्षेत्र में तकनीकी, वैज्ञानिक और जलवायु अनुरूप कृषि को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
कृषि जलवायु की दृष्टि से के.वी.के. कर्नाटक के पूर्वी शुष्क क्षेत्र में स्थित है। यह 700 मि.मी. से भी कम की वार्षिक वर्षा के साथ एक सूखा अर्द्ध-शुष्क प्रवण क्षेत्र है। शुष्क भूमि स्थितियों में किसान बाजरा, मूंगफली, दलहन और आम की खेती कर रहे हैं। कम मात्रा में उपलब्ध भूमिगत पानी के साथ, किसान रेशमकीट पालन के लिए संकर सब्जियों और शहतूत की खेती कर रहे हैं। संकर नस्ल के मवेशियों के लिए चारा भी एक सीमित पैमाने पर उगाया जाता है।
डॉ. एस.के. दत्ता, उप महानिदेशक, फसल विज्ञान, डॉ. के.एम.एल. पाठक, उप महानिदेशक, पशु विज्ञान, डॉ. एम.एम. पांडे, उप महानिदेशक, इंजीनियरिंग, डॉ. एन.के. कृष्ण कुमार, उप महानिदेशक, बागवानी, डॉ. एच.एस. गुप्ता, निदेशक, आईएआरआई, डॉ. वी. वेंकटसुब्रमनियम, एडीजी (कृषि विस्तार), डॉ. के.सी. बंसल, निदेशक, एनबीपीजीआर, डॉ. एस. प्रभु कुमार, जेडपीजी, जोन-VIII, बेंगलुरू और आईसीएआर और बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
(स्रोत: एनएआईपी मास मीडिया परियोजना, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, आईसीएआर)
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