23 अप्रैल, 2023, कटक
भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने आज अपना 78वां स्थापना दिवस और धन दिवस मनाया।
मुख्य अतिथि, डॉ. त्रिलोचन महापात्र, अध्यक्ष, पौधा किस्म तथा किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवी&एफआरए), भारत सरकार ने वकालत की कि पीपीवी&एफआरए सभी फसलों में पौधों की नई किस्मों के विकास का समर्थन करता है जो खाद्य सुरक्षा प्राप्त और कृषि स्थिरता, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन तथा बढ़ती जनसंख्या वृद्धि के संदर्भ में करने के लिए एक आवश्यक प्रतिक्रिया है। उन्होंने 'कुपोषण जैसे चुनौती का सामना करना: खाद्य-मार्ग प्रतिमान' पर डॉ. के. रमैया स्थापना दिवस व्याख्यान भी दिया और भविष्य के लिए खाद्य विकल्प के रूप में श्री अन्न को अपनाने पर जोर दिया। डॉ. महापात्र ने कहा कि श्री अन्न (मोटे अनाज) उगाना आसान, जलवायु तथा सूखा प्रतिरोधी, संतुलित पोषण के समृद्ध स्रोत, खेती के प्राकृतिक तरीकों के अनुकूल और कम पानी की आवश्यकता होती है।
डॉ. एस.के. प्रधान, सहायक महानिदेशक (एफएफसी), भाकृअनुप तथा श्री जी.पी. शर्मा, संयुक्त सचिव, वित्त, भाकृअनुप सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
डॉ. प्रधान ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले पशुधन फ़ीड का स्रोत प्रदान करके, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि और कृषि प्रणालियों की दीर्घकालिक उत्पादकता का समर्थन करके चारा फसलें टिकाऊ कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
श्री शर्मा ने विचार-विमर्श किया कि शिक्षा के वैश्वीकरण के बदलते परिदृश्य के मद्देनजर संसाधन जुटाना, धन जारी करना, लेखांकन और वित्तीय रिपोर्टिंग परियोजना संसाधनों तथा व्यय के संबंध में सटीक एवं समय पर जानकारी सुनिश्चित करेगी। वैज्ञानिक संगठनों में वित्तीय प्रबंधन पर भी विचार करेगी।
डॉ. ए.के. नायक, निदेशक, संस्थान के भाकृअनुप-एनआरआरआई ने विशेष रूप से हाल ही में जारी किस्मों तथा विभिन्न पारिस्थितिकी के लिए उनकी उपयुक्तता के लिए संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में ओडिशा, असम, झारखंड तथा आंध्र प्रदेश के लगभग दो सौ से अधिक किसानों एवं खेतिहर महिलाओं ने भाग लिया।
भाकृअनुप-एनआरआरआई, केवीके, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), आदि की तकनीकों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने 18 सेवानिवृत्त कर्मचारियों, संस्थान के 8 सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों और 4 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।
इसके अलावा, 11 प्रगतिशील किसानों और खेतिहर महिलाओं को चावल की खेती में नवीन प्रथाओं को अपनाने के लिए सम्मानित किया गया।
किसानों के लाभ के लिए फील्ड विजिट तथा वैज्ञानिक-किसान संवाद बैठक जैसे विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक)
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