भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी द्वारा आयोजित पीएम-किसान कार्यक्रम का सीधा प्रसारण

भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी द्वारा आयोजित पीएम-किसान कार्यक्रम का सीधा प्रसारण

2 अगस्त, 2025, पश्चिम बंगाल

भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 20वीं किस्त जारी करने के सीधे प्रसारण के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव ब्लॉक के फकीरबागान गाँव में आयोजित किया गया।

श्री गोबिंद लाल मजूमदार, सचिव, गोबरदंगा सेवा किसान समिति, उत्तर 24 परगना ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। किसानों को संबोधित करते हुए, उन्होंने किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाने और उनकी आजीविका में सुधार लाने में पीएम-किसान योजना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पश्चिम बंगाल में किसानों के बीच इस योजना की बढ़ती लोकप्रियता और स्वीकार्यता पर भी ध्यान दिलाया।

Live Telecast of PM-KISAN Programme Organized by ICAR–NINFET

डॉ. डी.बी. शाक्यवार, निदेशक भाकृअनुप-एनआईएनएफईटी ने लाइव प्रसारण में किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना की। उन्होंने किसानों को सशक्त बनाने में पीएम-किसान योजना के परिवर्तनकारी प्रभाव पर ज़ोर दिया और संस्थान द्वारा विकसित नवीन तकनीकों, जिनमें ऊनी जूट तथा जूट पत्ती पेय शामिल हैं, के बारे में भी उपस्थित लोगों को जानकारी दी। डॉ. शाक्यवार ने इन तकनीकों को बेहतर ढंग से अपनाने एवं जूट क्षेत्र में उद्यमिता तथा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए जूट उत्पादकों के लिए प्रदर्शनी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया।

दिन की गतिविधियों के एक भाग के रूप में, "जूट विविध उत्पाद" पर एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें किसानों को नए मूल्य वर्धित जूट-आधारित नवाचारों से परिचित कराया गया।

इसके अतिरिक्त, किसानों ने जूट रेशे निष्कर्षण की गुणवत्ता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा विकसित एक रेटिंग त्वरक, एनआईएनएफईटी साथी के अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन (एफएलडी) में भी भाग लिया।

इस कार्यक्रम में 100 से अधिक किसानों ने सक्रिय भागीदारी की, जिन्होंने जूट की खेती के क्षेत्र में उत्पादकता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित ज्ञान-साझाकरण सत्रों और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनों से लाभ उठाया।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता)

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