26 मई, 2025, धेमाजी, असम
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम ने अपना 9वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृषि अनुसंधान, शिक्षा और ग्रामीण विकास में लगभग एक दशक के प्रभावशाली योगदान का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्ति, वैज्ञानिक, किसान और छात्र उपस्थित थे, जिन्होंने संस्थान की बुनियादी संरचना, शैक्षिक उत्कृष्टता, क्षमता निर्माण और आउटरीच में तीव्र प्रगति पर विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि, असम सरकार के शिक्षा मंत्री, डॉ. रनोज पेगु ने मुख्य संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने सुदूर क्षेत्र में संस्थान की परिवर्तनकारी भूमिका की सराहना की तथा दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत करने की इसकी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने सतत कृषि विकास के लिए संस्थान की पहलों के प्रति राज्य सरकार के पूर्ण समर्थन को दोहराया।

मुख्य अतिथि, श्री राहुल सुरेश जाविर, जिला आयुक्त, धेमाजी ने क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से विशेष रूप से धेमाजी जिले में किसानों की आजीविका को उन्नत करने में भाकृअनुप-आईएआरआई असम की क्षमता पर प्रकाश डाला।
असम कृषि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री तपन कुमार गोहेन ने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताया और क्षेत्र के कृषि परिदृश्य को मजबूत करने के लिए शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के अवसरों पर जोर दिया।
भाकृअनुप-आईएआरआई के निदेशक तथा कुलपति, डॉ. चेरूकमल्ली श्रीनिवास राव ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में दूसरी हरित क्रांति लाने के लिए संस्थान के मिशन को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि हितधारकों, स्टार्टअप्स, एफपीओ को सशक्त बनाने और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत अनुसंधान, शिक्षा, विस्तार, प्रशिक्षण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।
समारोह का मुख्य आकर्षण दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होना था, एक असम कृषि विश्वविद्यालय के साथ और दूसरा जिला आयुक्त कार्यालय, धेमाजी के साथ, जो भाकृअनुप-आईएआरआई असम की सहयोगात्मक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

समारोह का मुख्य आकर्षण दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होना था, एक असम कृषि विश्वविद्यालय के साथ और दूसरा जिला आयुक्त कार्यालय, धेमाजी के साथ, जो भाकृअनुप-आईएआरआई असम की सहयोगात्मक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस अवसर पर संस्थान के प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया तथा वैज्ञानिकों, कर्मचारियों, किसानों, छात्रों और मीडिया कर्मियों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
स्थापना दिवस असम और व्यापक पूर्वोत्तर क्षेत्र के कृषि परिदृश्य को बदलने की दिशा में आईएआरआई असम की यात्रा में मील का पत्थर साबित हुआ है।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, असम)
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