13-15 मई, 2025, अल्मोड़ा
भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हवालबाग, अल्मोड़ा में प्याज एवं लहसुन पर अखिल भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना की 16वीं वार्षिक कार्यशाला का शुभारंभ अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईओनआरपीओजी) के अन्तर्गत आज दीप प्रज्वलन व परिषद गीत के साथ किया गया।
मुख्य अतिथि, श्री अजय टम्टा, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री ने अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं सभी वैज्ञानिकों को कृषि क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इस कार्यशाला में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए वैज्ञानिक अपने अनुभवों को साझा करेंगे। श्री टम्टा ने केन्द्रीय कृषि मंत्री के निर्देशन में 29 मई से 12 जून, 2025 तक चलने वाली ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान : अनुसंधान किसान के द्वार’ कार्यक्रम में किसानों से अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी कर उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया।
कार्यशाला के अध्यक्ष, डॉ. संजय कुमार सिंह, उप-महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप ने अपने वक्तव्य में बताया कि कार्यशाला के दौरान 3 साल के लिए बनाए जाने वाले इस कार्यक्रम में किसानों को कैसे आगे बढ़ाया जाय विषय पर गहन चर्चा की जाएगी। उनके अनुसार देवभूमि में ऐसी क्षमता है कि यहां बेमौसमी एवं दुर्लभ सब्जी उत्पादन कर अत्यधिक लाभ लिया जा सकता है। हमारा देश प्याज एवं लहसुन की उत्पादकता में दूसरे स्थान पर है यदि युवा वर्ग इसकी खेती उच्च कोटि के बीज, तकनीकी एवं यंत्र अपनाकर करें तो कम लागत पर अधिक लाभ ले सकते हैं।
इससे पूर्व संस्थान के निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कान्त ने संस्थान की उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा ही प्याज की पहली संकर किस्म वी.एल. प्याज 67 का विकास किया गया। डॉ. कान्त ने कहा कि संस्थान द्वारा प्याज की 2 एवं लहसुन की 2 किस्मों का विकास कर उन्हें विमोचित एवं अधिसूचित किया गया तथा प्याज की 1 तथा लहसुन की 2 किस्मों का व्यवसायीकरण भी किया गया है।
इस दौरान, डॉ. विजय महाजन, निदेशक, प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे ने अखिल भारतीय प्याज एवं लहसुन परियोजना की वार्षिक उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया।
संस्थान के 3 प्रकाशनों नामत: बुलबिल ऐज़ प्लान्टिंग मटिरियल: नोवल अप्रोच टू कल्टीवेट लॉंग डे गार्लिक इन नौर्थ वैस्टर्न हिमालयाज, पर्वतीय क्षेत्रों में प्याज का बीजोत्पादन एवं पर्वतीय क्षेत्रों में लहसुन का बीज उत्पादन तथा प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय की पुस्तिका गाइडलाईन्स फॉर आइडेन्टिफिकेशन ऑफ ऑनियन एण्ड गार्लिक वैरायटी/हाइब्रिड इवैल्यूएटेड अंडर एआईएनपीओआरजी फॉर रिलीज का भी इस अवसर पर विमोचन भी किया गया।
प्रगतिशील कृषकों में शामिल, श्री हुकुम सिंह एवं श्री नैन सिंह को कार्यशाला के दौरान सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर श्री अजय वर्मा, महापौर, अल्मोड़ा नगर, डॉ. सुधाकर पाण्डे, सहायक महानिदेशक (बागवानी संभाग), भाकृअप, डॉ. के.ई. लवांडे, पूर्व कुलपति, डॉ. बी.एस.के.के.वी., जलगांव एवं पूर्व निदेशक डीओजीआर, पुणे, डॉ. प्रवीण मलिक, सीईओ, एग्रीइनोवेट, नई दिल्ली, डॉ. संजय कुमार, डॉ. बी. एस. पाल, डॉ. विक्रमादित्य पाण्डे, डॉ. बी. एस. तोमर, डॉ. पी. के. गुप्ता उपस्थित रहे।
15 मई, 2025 को सफलतापूर्वक समापन समारोह में अध्यक्ष के रूप में डॉ. के. ई. लवांडे, पूर्व कुलपति, डॉ.बी.एस.के.के.वी., जलगांव एवं पूर्व निदेशक डीओजीआर, पुणे उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईओनआरपीओजी) के तत्वावधान में आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला में देश के विभिन्न कृषि संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।
(स्रोतः भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हवालबाग, अल्मोड़ा)
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