18 मार्च, 2024, अविकानगर
भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर द्वारा दौसा जिले के बसवा, बाँदीकुई एवं दौसा तहसील के जनजातीय भेड़पालक किसानों के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत एक दिवसीय एक्सपोज़र भ्रमण के साथ-साथ किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आज आयोजन किया गयाl
डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक ने अपने सम्बोधन में उपस्थित भेड़पालक किसानों को आय दुगनी करने के लिए अच्छे नस्ल के पशु का चुनाव करने का आग्रह किया। निदेशक ने बताया कि वर्तमान में पशुओ से अच्छी आमदनी प्राप्त करने के लिए उनके हर पहलु पर ध्यान देने की आवश्यकता है तभी हम अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैl उन्होंने कहा कि भेड़ एवं बकरी कम से कम संसाधनों मे पाले जाने वाले पशु हैं। वर्तमान समय समेकित खेती और पशुपालन का है जिसमे सभी क्षेत्र में फोकस करके ही उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती हैl
टीएसपी उपयोजना के माध्यम से नस्ल सुधार हेतु दौसा जिले के विभिन्न तहसील दौसा, बसवा एवं बाँदीकुई के गांवो (रामबास अनचेरी, भावता -भावती, काली पहाड़ी, झाझी, रामपुरा, कोलवा, धनवाड, गुडलिया, भंवरा, टोटीया, थैंलावस एवं पिचूपड़ा कला आदि) के 26 जनजाति किसानो (20 महिला एवं 6 पुरुष) को 26 ऊनत नस्ल के मालपुरा भेड़/ अविशान भेड़/ जीएमएम भेड़ के प्रजनक नर प्रदर्शन हेतु दिया गयाl साथ ही खेती एवं पशुपालन से संबन्धित उपयोगी सामानों का वितरण भी किया गया।
एक दिवसीय भ्रमण के तहत किसानो को अविकानगर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा वैज्ञानिक तरीके से भेड़पालन पर नस्ल सुधार, पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य के साथ विभिन्न मौसम आधारित जानकारी भेड़पालक किसानो को दी गईl
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान, अविकानगर)
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