15 अक्टूबर, 2025, हैदराबाद
भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने आज विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के याचारम मंडल स्थित अपने मॉडल ग्राम, गद्दामल्लैयागुडा में अमृत संवाद का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ भारत और अमृत काल के दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीणों में स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन तथा सतत जीवन पद्धतियों के बारे में जागरूकता पैदा करना था।
सत्र के दौरान, प्रतिभागियों ने प्लास्टिक मुक्त वातावरण के महत्व, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता एवं सफाई बनाए रखने में समुदायों की भूमिका पर चर्चा की।
संसाधन व्यक्तियों ने मिट्टी, जल एवं जैव विविधता पर प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया और कपड़े तथा जूट के बैग, स्टेनलेस स्टील की बोतलें और पुन: प्रयोज्य कंटेनरों जैसे पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के उपयोग को प्रोत्साहित किया।

उन्होंने प्रतिभागियों को सब्जियों के छिलके, फलों के अवशेष और सूखी पत्तियों जैसी आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके खाद बनाने की जानकारी भी दी।
कार्यक्रम में स्वच्छता, जल संरक्षण तथा उन्नत कृषि पद्धतियों के लिए सामूहिक सामुदायिक प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया। वैज्ञानिकों, स्वयं सहायता समूह की महिला किसानों और अन्य किसानों सहित लगभग 40 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।
बाद में सभी प्रतिभागियों ने प्लास्टिक कचरा और खरपतवार हटा दिया।
जागरूकता सत्र ने कई प्रतिभागियों को घर पर ही खाद बनाने और अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम ने "कम करें, पुनः उपयोग करें, पुनर्चक्रण करें" का संदेश सफलतापूर्वक दिया तथा प्रदर्शित किया कि कैसे व्यक्तिगत कार्य सामूहिक रूप से पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान दे सकते हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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