विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत भाकृअनुप-क्रीडा, केवीके रंगा रेड्डी में नवनिर्मित वर्मीकम्पोस्ट इकाई का उद्घाटन

विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत भाकृअनुप-क्रीडा, केवीके रंगा रेड्डी में नवनिर्मित वर्मीकम्पोस्ट इकाई का उद्घाटन

17 अक्टूबर 2025, हैदराबाद

सरकारी संस्थानों में स्वच्छता को संस्थागत बनाने के उद्देश्य से चल रहे विशेष अभियान 5.0 के अंतर्गत, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने आज अपने कृषि विज्ञान केन्द्र, रंगा रेड्डी में एक नवनिर्मित वर्मीकम्पोस्ट इकाई का उद्घाटन किया।

इस इकाई का औपचारिक उदघाटन, डॉ. विनोद कुमार सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रीडा, ने किया, जिन्होंने ताजा तैयार किए गए खाद गड्ढों में प्रतीकात्मक रूप से केंचुओं को छोड़ा। इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. सिंह ने सतत कृषि, विशेष रूप से कृषि अपशिष्ट को कम करने और मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में वर्मीकम्पोस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जैविक अपशिष्ट को मूल्यवान जैविक खाद में बदलने का एक लागत-प्रभावी तथा पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्रस्तुत करती है।

Newly Renovated Vermicompost Unit Inaugurated at ICAR-CRIDA, KVK Ranga Reddy under Special Campaign 5.0

डॉ. सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों कृषि में अपशिष्ट प्रबंधन एवं संसाधन पुनर्चक्रण के अनुरूप क्षेत्र में सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में केवीके टीम के प्रयासों की सराहना की।

उन्नत सुविधा को उच्च गुणवत्ता वाली खाद के उत्पादन इकाई और एक प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में दोहरे उद्देश्य को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह किसानों, ग्रामीण युवाओं, छात्रों तथा विस्तार कर्मियों को वैज्ञानिक खाद बनाने की तकनीकों तथा रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने के लिए जैविक आदानों के उपयोग के लाभों पर व्यावहारिक शिक्षण के अवसर प्रदान करेगा।

Newly Renovated Vermicompost Unit Inaugurated at ICAR-CRIDA, KVK Ranga Reddy under Special Campaign 5.0

विशेषज्ञों ने बताया कि आधुनिक इकाई एक शैक्षिक संसाधन और उत्पादन केन्द्र दोनों के रूप में कार्य करेगी, जिससे क्षेत्र में मृदा स्वास्थ्य में सुधार और पर्यावरण के प्रति जागरूक के साथ-साथ खेती में योगदान मिलेगा।

एक जागरूकता सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें उपस्थित लोगों को वर्मीकंपोस्टिंग के सिद्धांतों, प्रक्रियाओं एवं कृषि लाभों के बारे में बताया गया।

इस कार्यक्रम में केवीके तथा भाकृअनुप-क्रीडा कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जो न केवल एक स्वच्छ और हरित संस्थागत वातावरण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि व्यापक कृषक समुदाय को लाभ पहुँचाने वाली पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने के प्रति भी संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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