वैज्ञानिक-किसान संपर्क तथा आदान वितरण के माध्यम से आंध्र प्रदेश में श्री अन्न को बढ़ावा देने, किसानों को सशक्त बनाने हेतु कार्यक्रम का आयोजन

वैज्ञानिक-किसान संपर्क तथा आदान वितरण के माध्यम से आंध्र प्रदेश में श्री अन्न को बढ़ावा देने, किसानों को सशक्त बनाने हेतु कार्यक्रम का आयोजन

8 सितंबर, 2025, हैदराबाद

आज बनवासी, कुरनूल, आंध्र प्रदेश में एक विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रम, श्री अन्न वैज्ञानिक-अनुसूचित जाति कृषक संपर्क बैठक एवं आदान वितरण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

यह कार्यक्रम भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद और भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन X - भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, बनवासी (आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय) द्वारा वैश्विक श्री अन्न उत्कृष्टता केन्द्र (श्री अन्न), भाकृअनुप-आईआईएमआर, और हैदराबाद के अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) घटक के अंतर्गत संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

Promoting Millets, Empowering Farmers: Scientist–Farmer Interface and Input Distribution in Andhra Pradesh

भाकृअनुप-आईआईएमआर, भाकृअनुप-केवीके बनवासी तथा आरएआरएस नंदयाल (एएनजीआरएयू) के वैज्ञानिकों ने संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों के साथ कार्यक्रम में भाग लिया, श्री अन्न तथा सतत कृषि पर किसानों के साथ बातचीत की तथा अनुसूचित जाति के किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, कृषि उपकरण और तिरपाल जैसे निःशुल्क आदान वितरित किया।

कार्यक्रम में श्री अन्न की खेती को बढ़ावा देने तथा मूल्य संवर्धन के माध्यम से अनुसूचित जाति के किसानों के लिए बेहतर आजीविका के अवसर पैदा करने पर जोर दिया गया।

भाकृअनुप-आईआईएमआर, भाकृअनुप-केवीके बनवासी तथा एएनजीआरएयू के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित तकनीकी सत्रों में उन्नत श्री अन्न खेती पद्धतियों, प्रसंस्करण तकनीकों तथा श्री अन्न के अवसरों पर ध्यान केन्द्रित किया गया ताकि विकसित भारत @ 2047 के विजन में योगदान दिया जा सके।

कार्यक्रम के दौरान, श्री अन्न के मूल्यवर्धित उत्पादों, उन्नत कृषि आदानों, केवीके बनवासी द्वारा विकसित तकनीकों, एफपीओ पहलों तथा श्री अन्न रेसिपी प्रदर्शनों को प्रदर्शित करने वाले 15 स्टॉल लगाया गया।

सभा को संबोधित करते हुए, वक्ताओं ने अनुसूचित जाति के किसानों को उन्नत श्री अन्न तकनीकों को बढ़ावा देने में एससीएसपी घटक के तहत भाकृअनुप-आईआईएमआर, हैदराबाद की पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला। किसानों को जलवायु-प्रतिरोधी फसलों के रूप में श्री अन्न की भूमिका के प्रति संवेदनशील बनाया गया, जिसमें स्थायी आय उत्पन्न करने की प्रबल क्षमता है।

Promoting Millets, Empowering Farmers: Scientist–Farmer Interface and Input Distribution in Andhra Pradesh

किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में श्री अन्न आधारित उद्यमिता की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई साथ ही विभिन्न योजनाओं द्वारा समर्थित प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर भी चर्चा की गई। केवीके बनवासी की एससीएसपी पहल के तहत निरंतर सहयोग के लिए भाकृअनुप-आईआईएमआर, हैदराबाद के प्रति आभार व्यक्त किया गया, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि कैसे इस तरह के हस्तक्षेप ज्ञान, आवश्यक इनपुट और मूल्य श्रृंखला विकास के अवसरों तक पहुंच प्रदान करके हाशिए पर पड़े किसानों को सशक्त बनाते हैं।

कार्यक्रम का समापन किसानों को श्री अन्न के बीज, कृषि उपकरण तथा तिरपाल वितरित के साथ हुआ।

कार्यक्रम में 300 से अधिक किसानों, वैज्ञानिकों, विस्तार अधिकारियों, कृषि विभाग के अधिकारियों और स्थानीय हितधारकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

×