उत्तर प्रदेश के केला उत्पादक किसानों को भाकृअनुप-एनआरसीबी में उच्च तकनीक केले की खेती का दिया गया प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के केला उत्पादक किसानों को भाकृअनुप-एनआरसीबी में उच्च तकनीक केले की खेती का दिया गया प्रशिक्षण

23 फरवरी 2024, तमिलनाडु

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के किसानों ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, तिरुचिरापल्ली में उच्च तकनीक केले की खेती के लिए उन्नत उत्पादन तकनीकों पर व्यापक प्रशिक्षण लिया। यह प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को स्वचालन, सेंसर-आधारित सिंचाई, IoT-सक्षम रोग पहचान तथा ड्रोन-आधारित मूल्यवर्धित उत्पाद उत्पादन सहित उन्नत केले की खेती की तकनीकों से लैस करना था।

Banana Farmers from Uttar Pradesh trained in Hi-Tech Banana Cultivation at ICAR- NRCB  Banana Farmers from Uttar Pradesh trained in Hi-Tech Banana Cultivation at ICAR- NRCB

डॉ. आर. सेल्वराजन, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, ने केले के अनुसंधान में संस्थान के वैश्विक नेतृत्व और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। कहा जाता है कि इस केन्द्र के पास केले के लिए एशिया का सबसे बड़ा जीन बैंक है। डॉ. सेल्वाराजन ने बताया कि भाकृअनुप-एनआरसीबी ने पिछले वर्ष 50 तकनीकें विकसित की हैं और चार पेटेंट प्राप्त किए हैं। साथ ही, यह केन्द्र उत्तर प्रदेश में एक गंभीर समस्या, फ्यूजेरियम विल्ट से निपटने के लिए जीन एडिटिंग पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि केन्द्र ने विल्ट रोगों के प्रतिरोधी 'ग्रैंड नैने' म्यूटेंट और इस रोग से निपटने के लिए एक "नो2विल्ट" जैव संघ विकसित किया है।

किसानों को थेनी और तिरुकटुपल्ली निर्यात समूहों में भी ले जाया गया ताकि वे उद्यान भूमि और आर्द्रभूमि में केले की खेती की प्रथाओं को देख सकें तथा केले के निर्यात के लिए उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकों को अपना सकें।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु)

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