'केले के आटा (बाकाहू) का मूल्यवर्धन और प्रतियोगिता' पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
'केले के आटा (बाकाहू) का मूल्यवर्धन और प्रतियोगिता' पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

11 अगस्त, 2021, सिरसी

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केंद्र, उत्तर कन्नड़, सिरसी, कर्नाटक ने उत्तर कन्नड़ जैविक महासंघ, सिरसी; बागवानी विभाग, सिरसी और राज्य कृषि विभाग (एटीएमए) के सहयोग से आज 'केले के आटा (बाकाहू) का मूल्यसंवर्धन और प्रतियोगिता' पर कार्यशाला का आयोजन किया। ­

डॉ. एस. उमा, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केंद्र, तमिलनाडु और श्री श्री पाद्रे, संपादक, आदिके पत्रिके, एक कृषि आधारित पत्रिका, ने इस अवसर के मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. वी. वेंकटसुब्रमण्यम, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन - XI, बेंगलुरु ने किसानों के लिए भोजन, पोषण और ऊर्जा मूल्य से समृद्ध केले के आटे के लाभों से अवगत कराया।

डॉ. रमेश बाबू, निदेशक (विस्तार), कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक ने कार्यशाला की अध्यक्षता की।

बाकाहू मूल्य वर्धित उत्पादों की प्रदर्शनी-सह-प्रतियोगिता कार्यशाला के मुख्य आकर्षणों में से एक थी जिसमें लगभग 56 महिला किसानों और स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने भाग लिया तथा 175 से अधिक बाकाहू उत्पादों को मीठे, मसालेदार और दैनिक उपयोग योग्य श्रेणियों में प्रदर्शित किया। प्रदर्शनी में केले के पाउडर उत्पादों की विविधता और पोषण सुरक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया।

कार्यशाला में कर्नाटक के विभिन्न जिलों के किसानों, महिला किसानों, उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य हितधारकों सहित 350 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केंद्रउत्तर कन्नड़सिरसीकर्नाटक)

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