केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने भाकृअनुप-सीफेट, लुधियाना का दौरा किया

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने भाकृअनुप-सीफेट, लुधियाना का दौरा किया

14 अक्टूबर, 2025, लुधियाना

श्री भागीरथ चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, ने भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई-पश्चात अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीफेट), लुधियाना का दौरा किया। उनके साथ डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप); डॉ. एस.एन. झा, उप-महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी), भाकृअनुप; और डॉ. राजबीर सिंह, उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप भी मौजूद थे।

इस दौरे के दौरान, श्री चौधरी ने संस्थान के वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रशासनिक कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने भारतीय कृषि को आगे बढ़ाने और 145 करोड़ से अधिक की आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भाकृअनुप द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। आत्मनिर्भरता की ओर भारत की यात्रा पर विचार करते हुए, उन्होंने खाद्यान्न संकट के उस दौर को याद किया जब राष्ट्र से साप्ताहिक उपवास रखने का आग्रह किया जाता था और भारत को खाद्य-सुरक्षित राष्ट्र बनाने में किसानों एवं वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों की सराहना की।

Union Minister of State for Agriculture and Farmers’ Welfare Visits ICAR-CIPHET, Ludhiana

मंत्री ने निरंतर नवाचार एवं प्रौद्योगिकी प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भाकृअनुप के शोध परिणाम किसानों के खेतों तक प्रभावी ढंग से पहुंचें। उन्होंने भाकृअनुप -सीफेट से आग्रह किया कि वह ऐसी प्रौद्योगिकियों के विकास और प्रचार में अपने प्रयासों को सुदृढ़ करे जो छोटे और सीमांत किसानों को सीधे लाभ पहुँचाएँ, जिससे उनकी आय और कल्याण में वृद्धि हो। श्री चौधरी ने विकसित कृषि संकल्प अभियान की सफलता की भी सराहना की और वैज्ञानिकों के सक्रिय योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों द्वारा उत्पन्न बाहरी चुनौतियों के प्रति आगाह किया तथा भारत के कृषि विकास की गति को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित किया।

अपने संबोधन में, डॉ. जाट ने वर्तमान कृषि परिदृश्य में भाकृअनुप-सीफेट के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जहाँ भारत ने कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है, वहीं किसानों के लिए सच्ची समृद्धि मूल्य संवर्धन तथा बाजार संबंधों के साथ एकीकरण में निहित है। उन्होंने कहा, "किसान केवल उत्पादन से समृद्ध नहीं हो सकता; समृद्धि उसे बाज़ार एवं कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला से जोड़कर आती है।"

डॉ. जाट ने वैज्ञानिकों से किसान-केन्द्रित तकनीकों के विकास पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया और सलाह दी कि प्रत्येक वैज्ञानिक को सार्थक पहुँच तथा मापने योग्य प्रभाव सुनिश्चित करने हेतु एक जिले के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने की जरूरत है। उन्होंने संस्थान से भारत सरकार के विकसित भारत अभियान के साथ अपनी पहलों को जोड़ने एवं कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देने का भी आह्वान किया।

Union Minister of State for Agriculture and Farmers’ Welfare Visits ICAR-CIPHET, Ludhiana

डॉ. नचिकेत कोतवालीवाले, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईपीएचईटी, ने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों और चल रहे अनुसंधान कार्यक्रमों का अवलोकन प्रस्तुत किया। वैज्ञानिकों ने संस्थान द्वारा विकसित कई नवीन तकनीकों एवं मूल्य वर्धित उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिनमें एक आधुनिक दाल मिल, माइसीलियम-आधारित पैकेजिंग सामग्री, बाजरा प्रसंस्करण मशीनरी, प्लास्टिक-आधारित पोर्टेबल चेक डैम, मखाना प्रसंस्करण इकाइयाँ, जीवित मछली परिवहन प्रणालियाँ, पशु आवास संरचनाएँ, 3-डी फ़ूड प्रिंटर, सेंसर नेटवर्क उपकरण, वैक्यूम फ्रायर और सेब चुनने वाला रोबोट आदि शामिल हैं।

मंत्री महोदय और गणमान्य व्यक्तियों ने संस्थान की आधुनिक प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया तथा कटाई-पश्चात प्रबंधन में सुधार एवं कृषि में क्षति को कम करने में इन नवाचारों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझने के लिए शोधकर्ताओं के साथ बातचीत की।

इस दौरे ने भारतीय किसानों और देश के कृषि-खाद्य क्षेत्र के लाभ के लिए कटाई-पश्चात इंजीनियरिंग में अनुसंधान, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी प्रसार को आगे बढ़ाने के लिए भाकृअनुप-सीफेट की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कटाई-पश्चात इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना)

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