जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने भाकृअनुप-आईएआरआई के दौरे के दौरान भारत-जर्मन सहयोग की संभावनाओं पर की चर्चा

जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने भाकृअनुप-आईएआरआई के दौरे के दौरान भारत-जर्मन सहयोग की संभावनाओं पर की चर्चा

7 अक्टूबर, 2025, नई दिल्ली

हरित ऊर्जा, सतत कृषि, जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत-जर्मन सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली का दौरा किया। 

भाकृअनुप-आईएआरआई के निदेशक की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें इन क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान पहलों और साझेदारियों पर विचार-विमर्श किया गया। प्रतिनिधिमंडल ने कृषि-फोटोवोल्टिक्स उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई-एग्रीपीवी) की गतिविधियों की भी समीक्षा की और भाकृअनुप-आईएआरआई में स्थापित एग्रीपीवी स्थल का दौरा किया।

German Delegation Explores Indo-German Collaboration during Visit to ICAR–IARI

भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई), गुरुग्राम के संयुक्त नेतृत्व में सीओई-एग्रीपीवी, भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा अनुमोदित तथा जीआईजेड इंडिया द्वारा समर्थित एक पहल है।

सीओई-एग्रीपीवी के अंतर्गत अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य कृषि भूमि पर सौर फोटोवोल्टिक (SPV) प्रणालियों की उपयुक्तता का आकलन करना, विद्युत उत्पादन की निगरानी, छायांकन प्रभाव तथा फसल छतरियों से वर्णक्रमीय परावर्तन भिन्नताओं पर केन्द्रित है। इसमें विभिन्न छायांकन स्थितियों में फसल वृद्धि और उपज का मूल्यांकन, बेहतर ऊर्जा दक्षता तथा फसल प्रदर्शन के लिए सीओई-एग्रीपीवी डिज़ाइन मापदंडों का अनुकूलन, प्रमुख फसलों के लिए प्रणाली डिज़ाइनों का सत्यापन और सतत कार्यान्वयन के लिए लागत-लाभ विश्लेषण करना भी शामिल है।

इस यात्रा ने सतत कृषि नवाचारों को आगे बढ़ाने तथा एक हरित, सुदृढ़ भविष्य के लिए नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को एकीकृत करने के लिए भारत और जर्मनी की साझा प्रतिबद्धता को पुष्ट किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)

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