भाकृअनुप-एनडीआरआई ने ईएसटीआईसी-2025 के अंतर्गत उभरती कृषि प्रौद्योगिकियों के लिए कर्टेन रेजर का किया अनावरण

भाकृअनुप-एनडीआरआई ने ईएसटीआईसी-2025 के अंतर्गत उभरती कृषि प्रौद्योगिकियों के लिए कर्टेन रेजर का किया अनावरण

13 अक्टूबर, 2025, करनाल

भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल ने उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी-2025) के अंतर्गत उभरती कृषि प्रौद्योगिकियों (ईएटी) के कर्टेन रेज़र का आयोजन किया, जो भारतीय कृषि में नवाचार और प्रौद्योगिकी एकीकरण को गति देने हेतु एक राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ था। यह कार्यक्रम डॉ. डी. सुंदरेशन सभागार में आयोजित हुआ और इसमें देश भर के भाकृअनुप संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक, कृषि-उद्योग प्रतिनिधि तथा विशेषज्ञ एकत्रित हुआ।

ICAR-NDRI Unveils Curtain Raiser for Emerging Agriculture Technologies under ESTIC-2025

डॉ. मांगी लाल जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि डॉ. राघवेंद्र भट्टा, उप-महानिदेशक, (पशु विज्ञान), भाकृअनुप, डॉ. ए.के. नायक, उप-महानिदेशक, (एनआरएम), भाकृअनुप, और डॉ. एस.एन. झा, अध्यक्ष, ईएसआईसी-ईएटी एवं उप-महानिदेशक, (कृषि अभियांत्रिकी) भाकृअनुप विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता, डॉ. धीर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-एनडीआरआई ने की।

अपने संबोधन में, डॉ. जाट ने जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान-आधारित नवाचार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ईएसटीआईसी-2025 के अंतर्गत ईएटी, आत्मनिर्भर कृषि और विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप, सटीक खेती, कृषि स्वचालन और ओमिक्स-आधारित नवाचारों पर केन्द्रित इंजीनियरिंग, जैविक तथा डिजिटल प्रौद्योगिकियों के अभिसरण को उत्प्रेरित करेगा।

ICAR-NDRI Unveils Curtain Raiser for Emerging Agriculture Technologies under ESTIC-2025

डॉ. अनिल राय, सहायक महानिदेशक (आईसीटी), भाकृअनुप ने ईएसटीआईसी-ईएटी पहल का अवलोकन प्रस्तुत किया तथा अंतर-संस्थागत सहयोग और प्रौद्योगिकी प्रसार पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ईएसटीआईसी भारत का पहला संयुक्त मंच है जो 11 वैज्ञानिक मंत्रालयों तथा विभागों के हितधारकों को एकीकृत करता है, और शोधकर्ताओं, उद्योग, शिक्षा जगत एवं सरकार को एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण के तहत जोड़ता है।

डॉ. राघवेंद्र भट्टा ने सतत पशुधन विकास के लिए पशु विज्ञान को डिजिटल नवाचारों के साथ एकीकृत करने पर ज़ोर दिया, जबकि डॉ. एस.एन. झा ने कृषि नवाचारों को प्रयोगशालाओं से वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में परिवर्तित करने के लिए रणनीतिक, सहयोगात्मक तथा दूरदर्शी प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे सतत, प्रौद्योगिकी-संचालित खाद्य प्रणालियों के लिए वैश्विक मानक स्थापित होंगे।

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डॉ. धीर सिंह ने सतत डेयरी और पशुधन प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में भाकृअनुप-एनडीआरआई की भूमिका पर प्रकाश डाला और घोषणा की कि ईएसटीआईसी-2025, 3-5 नवंबर, 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री करेंगे। सम्मेलन का विषय है: "विकसित भारत 2047 के लिए कल्पना करें, नवाचार करें, प्रेरणा दें।"

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा 'ईएसटीआईसी-उभरती कृषि प्रौद्योगिकियां' वीडियो का विमोचन किया गया, जिसके बाद गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया गया, जिससे भारतीय कृषि में नवाचार, स्थिरता और समावेशी विकास के प्रति भाकृअनुप की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल)

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