20 अक्टूबर, 2025, भरतपुर
भाकृअनुप-भारतीय रेपसीड-सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर ने आज हाइब्रिड मोड में अपना 32वां स्थापना दिवस मनाया।
डॉ. डी.के. यादव, उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप, ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। स्थापना दिवस व्याख्यान देते हुए, उन्होंने संस्थान द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति के लिए वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने खाद्य तेलों में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु फसल सुधार, संसाधन प्रबंधन, पौध संरक्षण और किसान जागरूकता में उभरती चुनौतियों का समाधान करने हेतु अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. यादव ने सभी भाकृअनुप तिलहन अनुसंधान संस्थानों से तिलहन अनुसंधान और उत्पादन पर सहकार्यात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए निकट समन्वय में कार्य करने का आग्रह किया।
डॉ. अरविंद कुमार, पूर्व कुलपति, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भाकृअनुप-आईआईआरएमआर में निदेशक के रूप में सात वर्षों से अधिक समय तक सेवा की और अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने संस्थान की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि तकनीकी विकास और कार्यक्रम किसान-केन्द्रित होने चाहिए और तेज़ व सार्थक प्रभाव के लिए सीधे सामाजिक आवश्यकताओं से जुड़े होने चाहिए।
डॉ. संजीव कुमार गुप्ता, सहायक महानिदेशक (ऑपरेशन), भाकृअनुप, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
डॉ. विजय वीर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईआरएमआर, भरतपुर, ने पिछले वर्ष के दौरान संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों और अनुसंधान पहलों पर प्रकाश डाला।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. आर.के. माथुर, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईओआर, हैदराबाद; डॉ. के.एच. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-एनएसआरआई, इंदौर; डॉ. पी.के. राय, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईबीएसएम, रायपुर; डॉ. धीरज सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईआईआरएमआर, भरतपुर; और डॉ. भूरी सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईआईआरएमआर, भरतपुर शामिल थे।

राज्य कृषि विभागों और संस्थानों के अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए जिनमें, श्री देशराज सिंह, अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग, भरतपुर, और डॉ. उदयभान सिंह, डीन, कृषि महाविद्यालय, भुसावर, भरतपुर उल्लेखनीय थे। कृषक समुदाय का संस्थान के साथ गहरा जुड़ाव, बड़ी संख्या में उनकी उत्साहपूर्ण भागीदारी से स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ जिन्होंने स्थापना दिवस समारोह में व्यक्तिगत रूप से भाग लिया।
इस अवसर पर, डॉ. देवेन्द्र कुमार यादव एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा तकनीकी बुलेटिनों एवं विस्तार पत्रकों सहित छह प्रकाशनों का विमोचन किया गया। संस्थान के वैज्ञानिकों एवं प्रशासनिक कर्मचारियों सहित पंद्रह कर्मियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय रेपसीड-सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर)
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