10 जून, 2024, हैदराबाद
भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र-रंगा रेड्डी, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान और भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, जोन-एक्स ने गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनार्बेइट इंडिया के साथ मिलकर आज भाकृअनुप-केवीके फार्म हयातनगर, हैदराबाद में ‘प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ पर किसानों के लिए जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य पीएम-कुसुम घटक ए के तहत कृषि फोटोवोल्टेइक की क्षमता के बारे में किसानों को जागरूक करना और उन किसानों की पहचान करना था जिन्हें इस योजना के तहत सहायता की आवश्यकता है, जिसमें कृषि के साथ नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को शामिल करना है।
भाकृअनुप-अटारी, हैदराबाद के निदेशक, डॉ. शेख एन. मीरा ने पीएम-कुसुम पहल के बारे में बात की, जिसका उद्देश्य कृषि में सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना है। उन्होंने सफल सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किसानों की समझ को समझने और किसानों, सरकार और वित्तीय संस्थानों के बीच प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।
भाकृअनुप-सीआरआईडीए, हैदराबाद के प्रभारी निदेशक, डॉ. एम. श्रीनिवास राव ने इकाई स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कारकों पर प्रकाश डाला, जिसमें साइट का चयन, इकाई की लागत, उत्पादन की लागत, इकाई की रखरखाव लागत, शुद्ध लाभ और स्थापना की स्थिरता शामिल है। उन्होंने अधिकारियों से इन बातों के बारे में किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने का भी आग्रह किया।
डॉ. चंद्रकांत एम.एच., वरिष्ठ वैज्ञानिक-सह-प्रमुख, भाकृअनुप-केवीके, रंगा रेड्डी ने प्रतिभागियों को पीएम-कुसुम घटक-ए के बारे में जानकारी दी।
डॉ. डी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डब्ल्यूटीसी और प्रोफेसर, डीएई, भाकृअनुप-आईएआरआई ने कहा कि खेती की लागत कम करने के लिए कृषि क्षेत्र में सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के बारे में सोचने का समय आ गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को उसी खेत से सौर ऊर्जा से खेती के लिए अतिरिक्त आय प्राप्त करने हेतु पीएम-कुसुम घटक ए का लाभ उठाना चाहिए।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, जीआईजेड इंडिया और रेनक्यूब के विशेषज्ञों की एक टीम ने किसानों, गैर सरकारी संगठनों तथा किसान समूहों के साथ पूर्ण सत्र, समूह चर्चा और बातचीत सत्रों में भाग लिया। इन-हाउस सेमिनार के बाद पीजेटीएसएयू तेलंगाना का साइट विजिट किया गया, जहां एग्री इनोवेशन हब, पीजेटीएसएयू तेलंगाना और रेनक्यूब ने 10 केवी एग्री पीवी सिस्टम स्थापित किया।
कार्यशाला में तेलंगाना राज्य के रंगा रेड्डी जिलों के लगभग 40 किसान शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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