15 अप्रैल, 2024, नरेन्द्रपुर
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता आश्वासन पर एक जागरूकता-सह-क्षमता निर्माण कार्यक्रम, 'स्वस्थ धरा, खेत हरा' - स्वस्थ पृथ्वी, हरित खेत के नारे की संकल्पना के साथ राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड तथा भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के संयुक्त सहयोग से आज सस्य श्यामला कृषि विज्ञान केन्द्र, आरकेएमवीईआरआई, नरेंद्रपुर मेंद्वारा में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि, स्वामी शिवपूर्णानंदजी महाराज, सहायक प्रशासनिक प्रमुख, आईआरडीएम, आरकेएमवीईआरआई ने मिट्टी परीक्षण की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत गुणवत्ता आश्वासन योजना का आग्रह किया। उन्होंने ऐसे समयबद्ध आयोजन पर अत्यंत संतोष व्यक्त किया।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने इस बात पर जोर दिया कि गुणवत्ता आश्वासन योजना अंतरराष्ट्रीय मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन सुनिश्चित करके प्रयोगशाला परीक्षण और अंशांकन सेवाओं में विश्वास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डॉ. डे ने इस बात पर जोर दिया कि मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की प्रभावी गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने की आवश्यकता है जिसमें परीक्षण और अंशांकन गतिविधियों की स्थिरता एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए नीतियां, प्रक्रियाएं, दस्तावेज़ीकरण और नियंत्रण शामिल हों।
डॉ. तमल कांति जाना, राज्य कृषि रसायनज्ञ ने राज्य में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के कार्यान्वयन के बारे में बात की।
सुश्री मालंचा दास, उप-निदेशक, एनएबीएल, कोलकाता ने कहा कि एनएबीएल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए आईएसओ/ आईईसी 17025 जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों के आधार पर प्रयोगशालाओं का मूल्यांकन करता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 47 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
टिवीटर पर फॉलो करना
इंस्टाग्राम पर लाइक करें