भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून द्वारा पीएमकेएसवाई के अंतर्गत तमिलनाडु के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून द्वारा पीएमकेएसवाई के अंतर्गत तमिलनाडु के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

07 से 09 मई, 2024, देहरादून

भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून द्वारा तमिलनाडु राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पीएमकेएसवाई के अंतर्गत जलागम विकास घटक का क्रियान्वयन विषय पर 07 से 09 मई, 2024 तक अल्प अवधि प्रशिक्षण के लिए किया गया।

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इस दौरान संस्थान के निदेशक डॉ. एम. मधु द्वारा समस्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर डॉ. मधु द्वारा समस्त प्रशिक्षणार्थियों से अनुरोध किया गया कि वो इस प्रशिक्षण में सीखे गए ज्ञान को अपने विभाग के अन्य साथियों के साथ भी साझा करें ताकि राज्य के कृषकों तक यह उपयोगी ज्ञान अधिकतम विभागीय अधिकारियों द्वारा पहुंचाया जा सके।

संस्थान के मानव संसाधन विकास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. चरण सिंह प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एम. मुरूगानंदम एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी सुरेश कुमार द्वारा आयोजित किए गए सफल प्रशिक्षण का समन्वय किया गया।

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राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी-तमिलनाडु जलागम विकास संस्था,चेन्नई द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम की विषय वस्तु में समेकित जलागम प्रबंधन जलागम विकास समिति, जलवायु सम्मत कृषि तकनीक, वर्षा आधारित क्षेत्रों हेतु जलागम योजनाओं के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन विकास जल संसाधन प्रबंधन, मृदा एवं जल संरक्षण संरचनाएं, जैव अभियांत्रिकी उपाय, समेकित कृषि प्रणाली, खाद्य सुरक्षा तकनीक, कृषि वानिकी, बागवानी आधारित वैकल्पिक भू उपयोग, मृदा स्वास्थ्य आकलन परियोजना मूल्यांकन एवं सामाजिक और आर्थिक आकलन विषयों पर सत्रों का आयोजन किया गया।

इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले समस्त अधिकारियों को जनसहभागी जल संसाधन प्रबंधन, स्प्रिंग शेड एवं संस्थान म्यूजियम का भ्रमण कराते हुए क्षेत्र स्तरीय प्रयोगिक प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया।

समापन समारोह के दौरान प्रतिभागियों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के तहत आयोजित किए गए प्रशिक्षण की विषय वस्तु को तमिलनाडु राज्य में प्राकृतिक संसाधन संरक्षण एवं टिकाऊ कृषि विकास हेतु उपयोगी बताया गया।

कृषि एवं कृषि अभियांत्रिकी सहित मिश्रित कृषि विषयों के कुल 20 वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।

(स्रोत: आईसीएआर-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)

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