भाकृअनुप और बायर छोटे किसानों के बीच स्थायी एजी-टेक अपनाने को देंगे बढ़ावा
भाकृअनुप और बायर छोटे किसानों के बीच स्थायी एजी-टेक अपनाने को देंगे बढ़ावा

1 मई, 2024, करनाल

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और बायर, जो मूल जीवन विज्ञान और कृषि दक्षताओं वाला एक वैश्विक उद्यम है, ने हाल ही में कृषि विज्ञान केद्रों के माध्यम से किसानों की तकनीकी उन्नति के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। साझेदारी का उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधी समाधान, फसल सुरक्षा, सीधे बीज वाले चावल के लिए मशीनीकरण और जल-सकारात्मक प्रथाओं के लिए सटीक उपकरण प्रदान करके उनकी आजीविका में सुधार करना है। भाकृअनुप-केवीके, करनाल द्वारा आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में (कृषि विस्तार प्रभाग), भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), डॉ. यू.एस. गौतम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ. गौतम ने विकसित भारत पहल के तहत कृषि में पानी और कार्बन पदचिह्न को कम करने पर नए सिरे से ध्यान केन्द्रित करने के मद्देनजर चावल की फसल का नए तरीके से उत्पादन करने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि भाकृअनुप-बायर सहयोग एक अद्वितीय सार्वजनिक-निजी-किसान-भागीदारी (पी-पी-पी-पी) पहल है जो भाकृअनुप-केवीके और किसानों को सबसे अधिक उत्पादक किस्मों और प्रौद्योगिकियों का चयन करने और अभ्यास करने की अनुमति देता है, जिसका लक्ष्य प्रयासों में तालमेल बिठाना, बड़े पैमाने पर अपनाना तथा भविष्य के लिए टिकाऊ खाद्य उत्पादन सुनिश्चित करना है।

ICAR and Bayer to drive sustainable Ag-Tech adoption among smallholder farmers  ICAR and Bayer to drive sustainable Ag-Tech adoption among smallholder farmers

डॉ. धीर सिंह, निदेशक भाकृअनुप-एनडीआरआई, करनाल, डॉ. आर. कार्यशाला के दौरान अटारी जोन-I, डॉ. संगीता डावर, लीड गवर्नमेंट अफेयर्स, बायर, डॉ. अजीत चहल, राइस प्लेटफॉर्म लीड, बायर, और साइमन वीबुश, अध्यक्ष, बायर दक्षिण एशिया, अपने विशेषज्ञों की टीम के साथ भी उपस्थित थे।

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भाकृअनुप-केवीके किसानों को टिकाऊ कृषि और मशीनीकरण समाधानों के लिए जमीनी स्तर पर सहायता प्रदान करेगा, जिसका लक्ष्य टिकाऊ प्रथाओं के बारे में उनके ज्ञान और जागरूकता को बढ़ाना है। उन्हें कार्बन क्रेडिट बाज़ारों में शामिल होने में सक्षम बनाकर, वे अधिक आय स्रोत बना सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में योगदान कर सकते हैं। डीएसआर प्रदर्शन खरीफ 2024 के दौरान 8 राज्यों यानी हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में फैले 46 केवीके पर आयोजित किए जाएंगे।

अटारी के निदेशक, केवीके प्रमुख, वरिष्ठ वैज्ञानिक और अन्य अधिकारी कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-2, जोधपुर)

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